24 Rabiul Awwal Ek Yaadgar

Khanqah e Chishtiya
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 पीरे तरीक़त आफताबे शरीअत मख़्दूम ज़ादा हज़रत शाह सय्यद शरफ़ उद्दीन अहमद साग़र मियां रहमतुल्लाह अलैह की ख़िदमत में .........बा यादगार जनाब हज़रत सागर मियां रहमा ...................

शाहे "साग़र " पिया आज दूल्हा बने
हबूबे आलम के दिल की तमन्ना बने,
मक़सूदे आलम की सूरत सरापा बने
दर्द मंदों आओ मय परस्तों चलो
जाने "सागर" बने हुस्ने मीना बने।

यौम ए विसाल जनाब हज़रत सागर मियां 

मदरसा मदीन्तुल उलूम व दीगर बच्चों ने अपने बेहतरीन अंदाज़ में नाअत मनक़बत पढ़ी।

*जिसमें नजीब साग़री ने अपने बेतरीन अंदाज़ में नअत पढ़कर अव्वल,अबुज़र ने दूसरा,अरबिया साग़र ने तीसरा मुकाम हासिल किया*

इसके अलावा मो0 मुस्तफा,फैज़ुल हसन साग़री,शहज़ाद,तसमिया,हिफ़ज़ा, यासमीन वग़ैरा ने का कलाम ने बेहतरीन अंदाज़ में नाअत शरीफ़ पढ़ी।








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